Wednesday, March 25, 2015

Piku, Shamitabh



शमिताभ के बाद पिकु ---- फिल्म आने में इतनी देर तो ट्रेलर ही ५-१० बार देख के काम चला लेना पड़ता है। शमिताभ के बाद पिकु --- इतने धड़ाके से, एक के बाद एक। ये तो ऐसा लगने लगा है कि कालिया, शराबी, नमक हलाल --- एक के बाद एक बौछार आने लगा फिर से।

दीपिका रियल डील हैं --- contemporary female अमिताभ बच्चन। बहुत अच्छी हैं।

Kapil Sharma: The Funniest Homo Sapien On Earth

Tuesday, March 24, 2015

मोदी का Land Acquisition

Indian Alibabas On The Way



चाहे किसी भी मुल्य पर अगर किसान का जमीन ले लो (चाहे उस पर फैक्ट्री बिठाओ या और कुछ) तो उस विचारे का रोजीरोटी का क्या होगा? खेतीपाती नहीं करेगा तो वो खायेगा क्या? ये तर्क है?

अरे Land Acquisition उसी किसान के लिए ही तो चाहिए। भारत के प्रत्येक खेत तक सिंचाई पहुँचा दो तो किसान की आय दोब्बर हो जाती है। वो जो किसान की income doubling होगी तो आज आप उसको बेचारा कह रहे हो, कल वो आपको बेचारा कहेगा! खेत खेत तक सिंचाई पहुँचाने के लिए Land Acquisition चाहिए।

ज्यों ज्यों भारत तरक्की करेगा खेतीपाती पर निर्भर भारतीयों कि संख्या घटती चली जाएगी। घटते घटते वो १०% से नीचे पहुँच जाएगी। जिस दिन भारत में वो १०% से नीचे पहुँच गया सम्झो भारत First World Country बन गया। पिछले 2-3 सौ साल के अलावे भारत सदा दुनिया का सबसे अमीर देश रहा है। वो गुम हो गयी पगड़ी फिर से वापस ले लो। Land Acquisition करो।

Infrastructure क्या किसान को नहीं चाहिए? जो ये तर्क करते हैं कि infrastructure सिर्फ industrialists को चाहिए किसानको नहीं वो तो साफ है कि वो खेतीवाड़ी को नहीं समझते। नितीश ने बिहारमें २००५ से २०१२ जो बहुत अच्छा काम किया उसका नंबर एक पहलु था गाओं गाओं तक सड़क पहुँचाना। अगर उसी रफ़्तार से बिहार के गाओं गाओं तक बिजली और ब्रॉडबैंड पहुँच जाए बिहार सबको मात कर दे। तो बगैर Land Acquisition के आप infrastructure कहाँ पर बनवावेंगे? मेरे छत पर?

फैक्ट्री लगाने की बात भी है। युपी और बिहार के गाओं गाओं से किसान का बच्चा जो मुंबई दिल्ली पहुँचता है क्या वो वहाँ खेतीपाती करने पहुँचता है? मुंबई दो चार जाते होंगे हीरो बनने लेकिन बाँकी लोग तो फैक्ट्री में काम करने पहुँचते हैं। अगर Land Acquisition होगी तो छोटे छोटे शहरों में फैक्ट्रियां लगेंगे। किसान का बच्चा नजदीक ही नौकरी करेगा। खुदका फैक्ट्री भी लगाएगा। फैक्ट्री लगाने में सबसे कठिन पहलु जमीन नहीं है। होता तो भारतके प्रत्येक खेत प्रत्येक खलिहान में आप से आप फैक्ट्रियां खड़ी हो जाती। वैसे होते हमें तो दिखाइ नहीं दिया। सैकड़ों सालों से खेत पड़े हैं, उनमें फैक्ट्रियां तो आप नहीं उग रही। फैक्ट्री लगाने के लिए आसान हिस्सा है जमीन। उससे कठिन है पूँजी, टेक्नोलॉजी, मैनपावर। लेकिन आसान हिस्सा को ही कठिन बना दो तबतो हुवा देशमें industrialization!

Hindu rate of growth का नाम सुना है? दुनिया वालों ने भारत का मजाक उड़ाने के लिए बनाया उस phrase को। अभी ५० साल और २-३% growth रेट पर अड़े रहो, "Hindu rate of growth" को कायम रखो। हिलना मत। वैसे जल्दी भी क्या है?

अरे, जगो तो। आगे ३०-४० साल डबल डिजिट growth रेट दो भारतको। वो बगैर Land Acquisition के कैसे संभव है? Irrigation, Infrastructure, Industry ---- three Is, जैसा कि मोदी बोलेंगे --- तीनो के लिए Land Acquisition की जरुरत है। सख्त जरुरत है।