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Thursday, December 24, 2015

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

रावण अपने युगका सबसे बड़ा ज्ञाता था, the most learned man alive. वेद पुराण उसको सब मालुम था, पन्ना पन्ना। इस बातका खुद रामको एहसास था। रावण के सामने वाल्मिकी कुछ नहीं। लेकिन दोनों थे सनातनी। एक ही गैंग के लोग। जैसे भारत के पास थल सेना है, वायु सेना, जल सेना। अलग अलग नहीं है।

सनातनी को आजतक घमंड है कि तुम हमसे जित ही नहीं सकते। पहले तो वो बर्बर आक्रमण कर देता है। जैसे बाघ हरिण को मार देता है। सभ्य लोग वैसा नहीं करते। लेकिन जंगल राज में सब चलता है। वो जो हजारों लाखों भिक्षुओ को किया। जमीन जायदाद के लिए तो नहीं किया। By definition भिक्षु के पास कुछ नहीं होता। तो फिर क्यों? भिक्षु का सबक अहिंसा। तो वो तो सभ्य भाषा हो गयी।

अपहरण। Kidnapping. रावण ने वही तो किया। रावण को इस बात का आश्चर्य हुवा कि सीता वन से सोने के लंका में आ गयी लेकिन खुश नहीं है। इसकी उसने कल्पना नहीं की थी। सीता का राम से स्वयंवर हुवा था। सीता ने खुद पसंद किया था। तो सनातनी worldview में औरत होती है property. गेहुँ का बोरा आप एक कमरे से दुसरे कमरे में ले जाते हो तो गेहुँ से पुछते हो क्या? जितने ऋषि मुनि हैं सबके सब पुरुष ही क्यों? सोंचने वाली बात है।

रावण के ये कल्पना में नहीं था कि राम लंका तक आ भी सकता है। दो भाई हैं। रावण के पास सेना है। युद्ध की कोई संभावना ही नहीं थी। उसने घमंड नहीं किया analysis की। युद्ध में हम हार नहीं सकते। सनातनी कहते।

लेकिन रावण तो हार गया। बुरी तरह। तो सनातनी कहता है, यद्ध में जित गए तो क्या। हम तुम्हें उसके बाद भी हरा सकते हैं। यानि कि हमारे जल सेना को हरा दिए तो क्या अभी थल सेना तो बाँकी है। तो वहाँ वाल्मिकी अपना रोल खेलता है।

वाल्मिकी रामायण अंत तक पढ़ो तो नहीं लगता है राम जिते हैं। सीता ने गलती की। लंका में रहती तो सुख से रहती। अंत तक पढ़ो तो राम लगने लगते हैं विलन। अमरीश पुरी। प्रेम चोपड़ा। शक्ति कपुर। तो वो सनातनी का कहना है, दावा है कि तुम हम से जित ही नहीं सकते। You simply can not win.

तो ये चैलेंज आज के रामभक्त को है। कि क्या ये सही है? कि सनातनी के साथ राम भगवान जित ही नहीं सकते? असंभव?

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

वेद पुराण उपनिषद --- ये सब हुवा Old Testament. ईसाई उस ओल्ड टेस्टामेंट को हटा के फेंक दिए हैं ऐसी बात नहीं है। बाइबल शुरू ही होता है ओल्ड टेस्टामेंट से। तो वेद पुराण उपनिषद को यादव या हरिजन क्लेम नहीं कर सकते या नहीं करना चाहिए ऐसी बात नहीं।

लेकिन शायद हरिजन मुक्ति इस बात में है कि हरिजन क्लेम करें हमारा अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह बुद्ध धर्म है, इस्लाम है, उसी तरह हम हरिजनों का अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह भारत ने ब्रिटेन को कहा हमारा अपना  देश है।

सनातनी से क्यों नहीं जिता जा सकता? जन और धन का रक्षा आधुनिक राज्य (modern state) की प्रथम जिम्मेवारी होती है। धर्म निरपेक्षता उस आधुनिक राज्य की नींव है। उस धर्म निरपेक्षता के छाते के अंदर सब आ जाते हैं, सब बराबर हैं: सनातनी, यादव, हरिजन, मुहम्मदन, बुद्धिस्ट, ईसाई, सिख।

दलित सबसे ज्यादा राम के इलाके में हैं। आखिर क्यों?

जिस राम के बीवी का अपहरण किया सनातनी ने, जिस राम को युद्ध में परास्त करना चाहा, जिस रामको विलन बना दिया उस सबके बावजुद ---- तो फिर राम मंदिर किसने तोडा? आपको क्या लगता है?

हरे राम हरे कृष्ण।




Tuesday, April 01, 2014

Nitish And The Survey Game

Bihar famine 1966-67. a village near Patna
Bihar famine 1966-67. a village near Patna (Photo credit: gusthed)
Bihar pollscape: Nitish in a spot of bother, banking on Muslim vote
"Ye toh BJP ke saath rahne wale neta hai, in pe trust kaise kijiyega (He has been with the BJP, how can you trust him?)," I asked a young Muslim youth standing in the front row at a rally.

I was not prepared for the answer he gave. "Hum log ke liye ye apne pucch main aag laga liye hai, ab Lanka jalana baki hai kewal (He has risked his government for us, now he will take on Modi for us)," he said.

Not that the youth was speaking for all Muslims across Bihar but he certainly was echoing one of their thoughts.

Nitish has bet his political fortune on the minority youths like him, rather on Muslims in general, and if even more than 50 per cent Muslims echo the same sentiments as this guy, then Bihar may throw a very surprising result, upsetting most surveys.
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