Showing posts with label Acharya Salil. Show all posts
Showing posts with label Acharya Salil. Show all posts

Sunday, August 06, 2023

Acharya Salil



मैं जय जी के दोकान मैं बैठा था। तो वो एक वीडियो सुनने लगे। तो जो बोल रहे थे वो कहने लगे एक हैं कल्कि अमेरिका में रहते हैं नेपाल से हैं। तो मैंने थोड़ा गौर किया। अरे ये तो आप के बारे में बात कर रहे हैं। कौन हैं ये? तो बात आगे बढ़ी। एक हैं आचार्य सलील। उनसे दो मिनट बात भी हुइ। तो वो कहने लगे मैं महाभारत के समय का संजय। मैंने ही धृतराष्ट्र को सारी कहानी सुनाइ। मैंने भी अपना परिचय दिया। बाइबल के सबसे प्रख्यात पुस्तक गॉस्पेल ऑफ़ जॉन के प्रथम दफा में ही कहा गया है जीसस सृष्टिकर्ता। तो आप के समझ में सृष्टिकर्ता कौन? ब्रम्हा। अर्थात जिस कदर विष्णु के मानव अवतार राम, और कृष्ण, उसी तरह ब्रम्हा के मानव अवतार जीसस। लोग इंतजार कर रहे हैं कि फिर आएंगे। वो मैं आ गया। और मेरा रोल है हनुमान जी का। मेरा काम है भगवान कल्कि को उनके काम में पुरा सहयोग करना। लेकिन न वो न हम परिचय की बात कर रहे हैं। पुरा फोकस काम पर है। काम शुरू हो चुका है। काम है कलि युग की समाप्ति और सत्य युग का शुरुवात। तो काम कर रहे हैं। लेकिन छिपे नहीं हैं। कोइ जिज्ञासा प्रकट करें तो उनको परिचय भी दिया जा रहा है जैसे कि आप को। तो परिचय स्थापित होती है भविष्यवाणी पुरा होने से। मेरा भी। उनका भी। 

ढेर सारे लोग हैं सब कह रहे हैं मैं हुँ कल्कि, मैं हुँ जीसस। शायद सयकडों। तो वो सबके सब पाप कर रहे हैं। महापाप। घोर कलियुग चल रहा है। जो कह रहे हैं मैं हुँ कल्कि मैं हुँ येशु उनसे पुछिए, आप ने कौन कौन भविष्यवाणी पुरी की, आगे कौन कौन भविष्यवाणी पुरा करने जा रहे हैं? आप क्या काम करने आए हैं? वो काम कैसे करेंगे? दुध का दुध पानी का पानी हो जाएगा। 

भगवान बुद्ध एक टाइटल था। नाम तो सिद्धार्थ गौतम था। उसी तरह भगवान कल्कि टाइटल है। नाम है उनका जय साह। भगवान बुद्ध लुम्बिनी में पैदा हुवे। भगवान कल्कि मटिहानी में पैदा हुवे। जनकपुर के पास है। जानने वाले जानते हैं। कहा गया है भगवान कल्कि पवित्र मिट्टी पर पैदा होंगे। भविष्यवाणी है। मटिहानी का मिटटी इतना पवित्र माना जाता है कि सीता जी के स्वयंवर के लिए वहाँ से मिट्टी ले जाया गया था। कहा गया है दुध के नदी के किनार पैदा होंगे। मटिहानी दुधमती नदी के किनार पर है। 

शम्भल के बारे में ढेर सारा कन्फ्युजन है। एक शंकराचार्य का एक वीडियो है। उसमें वो कह रहे हैं जिस शम्भल शहर में भगवान कल्कि पैदा होंगे वो ओरिसा नहीं उत्तर प्रदेश में है। मैं उनके बात का बुरा नहीं मानता। कमसेकम वो उस भविष्यवाणी को समझने का प्रयास तो कर रहे हैं। लेकिन शम्भल शहर नहीं देश कहा गया है। भविष्यवाणी ५,००० साल पुराना है लेकिन भारत में शम्भल नाम के जितने शहर हैं उनमें अधिकांश का नामाकरण पिछले पाँच हजार साल के भितर हुवा है। कि शहर का नाम शम्भल रख दो भगवान विष्णु को मजबुर हो के यही पैदा होना पड़ जाएगा। वैसा भी होता है कहीं? 

तो शम्भल शहर नहीं देश है। शम्भु का देश, पशुपतिनाथ का देश। अर्थात नेपाल। राम पैदा हुवे अयोध्या। कृष्ण मथुरा। बुद्ध लुम्बिनी। कल्कि मटिहानी। चारो नाम काव्यात्मक हैं। 

आचार्य सलील ने कहा जय जी को, "आप के आवाज में एक अग्रेशन है। थोड़ा नरम बोलिए।" 

भीष्म पितामह मृत्यु शैया पर लेटे हुवे थे। भगवान कृष्ण उनसे मिलने गए। पितामह ने कहा, "आप तो ईश्वर हैं न?" कृष्ण जी ने कहा, "मैं तो आप का पौत्र हुँ।" 

"तो ये गलत उदाहरण नहीं हुवा?" पितामह ने कहा। यानि कि कभी आप छल भी करते देखे जाते हैं। क्या ईश्वर का वैसा करना शोभा देता है? 

भगवान कृष्ण ने कहा, "ये तो आप ने कुछ भी नहीं देखा। कलि युग में तो और क्या क्या करने होंगे।" 

कुछ लोग सोंचते हैं महापापी के सामने शायद ईश्वर इम्मोबिलाइज़ हो जाते हों। वो बात सही नहीं हैं। जिस ईश्वर को मानव अवतार में एक करोड़ रावण का सामना करना हो उनके आवाज में अग्रेशन नहीं होगा तो क्या होगा? 

कल्कि वो जो कलियुग को समाप्त कर दें। तो अभी रोडमैप सामने आया है। एक पुस्तक है। कोइ ये प्रमाणित कर दें कि उस पुस्तक में जो रोडमैप दिखाया गया है उस रास्ते कलि युग ख़त्म नहीं होगा तो उस व्यक्ति को २०,००० डॉलर पुरस्कार। लेकिन प्रश्न कार्यक्रम में आ के करनी होगी। अमेरिका में जगह जगह कार्यक्रम होने जा रहा है। उसी के लिए हम न्यु यॉर्क छोड़ फ़िलेडैल्फ़िया  आ गए हैं। 

ईश्वर तो सारे ब्रम्हाण्ड के ईश्वर। स्वाभाविक है सारे पृथ्वी के ईश्वर एक। राम राज्य सिर्फ अयोध्या में था। कल्कि राज्य सारे पृथ्वी पर होगा। किसी से छुपी बात नहीं रहेगी। इस शुभ काम का आरम्भ नेपाल से होगा। नेपाल में जो अगली चुनाव होगी वो सत्य युग समाज पार्टी स्वीप करेगी। 

दुनिया भर के चर्च में दो हजार साल से प्रार्थना करते आ रहे हैं कि हे ईश्वर धरती पर तेरा प्रत्यक्ष शासन चाहिए। तो वो भगवान कल्कि का इंतजार है। यहुदी को जिस मसीहा का इंतजार है वो भगवान कल्कि ही हैं। 

महाभारत में रामायण में किसी को हिन्दु कहा गया है क्या? तो ईश्वर कुछ नया कहने जा रहे हैं। उसके लिए पहले इस कलि युग को समाप्त करना होगा। अभी तो लोगों की क्षमता ही कम है। कलि युग में वैसा होता है। क्षमता में ह्रास आ जाती है। 

ईश्वर को मानव अवतार में पहचानना आसान काम नहीं है।