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Thursday, February 10, 2022

The Kisan Andolan (Farmers' Movement) Raging Across Nepal

Ask The Government Of Nepal To Come To Dialogue With The Kisan Andolan (Farmers' Movement)
Democracy And Revolution In Nepal

भगवान राम धरती पर पैदा हुवे थे

एक झिझक
Ask The Government Of Nepal To Come To Dialogue With The Kisan Andolan (Farmers' Movement)
आखिर संविधान ढलने अवस्था किन आउन लाग्यो?
चुनाव लड्ने निर्णय स्वागतयोग्य छ
जनमत पार्टी के लिए आगे का रास्ता
पलड़ा भारी
किसान आन्दोलन ले एमाले आदि पार्टी को समर्थन लिने कि नलिने?
सड़क आन्दोलन सँग वार्ता नगर्ने तानाशाह
सार्वजनिक जग्गा वापस जनता लाई
Dr. CK Raut: February 2: मशाल जुलुस
म यस क्रान्ति को Open Source Script Writer
दुनिया को नंबर एक लोकतंत्र बनाउन कस्तो संविधान लेख्ने?
क्रान्ति तो जनता करती है, नेता कार्यकर्ता आते जाते रहते हैं
रूद्र पाण्डे र सीके राउत
फ्युजन को प्रयास
सीके राउत को किसान आन्दोलन र राष्ट्रिय राजनीति
देउबा सरकार, दमन बन्द करो, वार्ता करो
क्रान्ति एक मात्र उपलब्ध रास्ता है
First They Ignore You
गमछा, पगड़ी और लाठी
जनमत पार्टी और मैं
ज्ञानेन्द्र को चुनाव, देउबा, पुष्पक, माधव, ओली, उपेन्द्र को चुनाव
अपराधी मंत्री रेणु यादव को जेल चलान करो
क्रान्ति अपना माँग खुद पुरा करती है
सड़क क्रान्ति, सभा क्रान्ति, सदन क्रान्ति देश को राजधानी सार्नुपर्छ
दुई तिहाइ सैनिक, प्रहरी, र कर्मचारी को घर वापसी नै संघीयता हो
काठमाण्डु की ओर बढ़ रहा किसान आन्दोलन का कारवां
किसान महारैली
Democracy And Revolution In Nepal
४६ साल वालों का सफाया
. नेपाल को एकीकरण हुन बाँकी छ, राष्ट्र निर्माण हुन बाँकी छ
पृथ्वी नारायण शाह र आज को नेपाल
किसान आन्दोलन: राजनीतिक मास्टर स्ट्रोक
दुनिया को नवीनतम क्रान्ति बाट दुनिया को उच्चतम लोकतन्त्र को अपेक्षा
प्रतिक्रान्ति विरुद्ध पुनःक्रान्ति किन?
क्रान्ति, अझ बढ़ी क्रान्ति, लोकतंत्र, अझ बढ़ी लोकतंत्र
सीके राउत लाई सोधिंदै आएको अहिंसा को प्रश्न
यो सीके राउत बीपी कोइराला भन्दा दामी मान्छे हो
किसान आन्दोलन ले राष्ट्रिय रूप लिनेछ
CK PK KP SBD
तामासालिंग का किसान काठमाण्डु झर्ने बेला यो
नेपाल के इतिहास में अभी तक का सबसे शांतिपुर्ण पार्टी जनमत
किसान आन्दोलन बारे मैले नबुझेको



Sinema Is The Democrats' Sudetenland Moment
Sinema And The Filibuster
Russia And The US: Modi Should Mediate
The US Is Making A Major Mistake In Afghanistan
Ending White Minority Rule Across America
Reorganize The US Senate
Bin Laden's Fantasy, Trump's Reality

Monday, August 28, 2017

Doka La Standoff: China Proved Its Point On Tibet



If in 1890 the British Empire recognized Tibet to have been Chinese territory and dealt with the Chinese state on all matters Tibet, perhaps it is not true that China invaded Tibet in the 1950s. That is the point China intended to prove through this standoff and it has done so. China did not back down. China proved its point. Done and over with.



Saturday, March 05, 2016

नीतिश का एक Blind Spot: FDI

काठमाण्डु मीडिया को पढ़ो तो लगता है नीतिश को मधेसको बारे में न कुछ मालुम है न मतलब है।

लेकिन मधेसी मीडिया को पढ़ो तो मालुम पड़ता है कि नीतिश जितना बिहार समझते हैं उतना ही मधेस और नेपाल समझते हैं। सबसे जो सटिक प्रश्न है वो उन्होंने किया। कि जो काँग्रेस और कम्निष्ट पार्टी में मधेसी हैं उन्होंने इस संविधान पर हस्ताक्षर क्यों किया?  जाहिर है उन सांसदों के मतदाता इस संविधान से तीव्र असंतुष्ट हैं।

नीतिश के दो Blind Spots

लोकतंत्र में वैसा नहीं होता है। सांसद और उसके मतदाता के बीच इतनी दुरी लोकतंत्र में संभव नहीं। ये दुरी उस बात की प्रमाण है कि नेपाल में वास्तव में लोकतंत्र है ही नहीं। चुनाव में भारी धाँधली हुवी। उसके बाद भी विजेता पार्टी ने अपना मैनिफेस्टो ही फेंक दिया। संविधान सभा में व्हिप जारी नहीं किया जा सकता। वो एक विश्वव्यापी मान्यता है। नेपाल में व्हिप जारी की गयी। जभी जयशंकर आए उस समय में संविधान सभा के पास कमसेकम ६ महिना समय बाँकी था अगर प्रक्रिया को पुरा किया जाता तो। तो उसको शार्ट सर्किट कर दिया गया। अभी भी ये लोग कह रहे हैं चलो चुनाव की ओर। यानि की फिर से जम के धाँधली करने की काबिलियत रखते हैं। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी। ये लोकतंत्र नहीं फासिज्म है।


Friday, March 04, 2016

नीतिश के दो Blind Spots

पहला FDI, और हाल ही में मेरे को दिखा दुसरा मधेस।

मोदी के उदय से पहले मेरे को लगता था मधेस और मधेसी शब्द दिल्ली के डिक्शनरी में है ही नहीं। ये नहीं की केयर नहीं करते या बुरे लोग हैं। उनको मालुम ही नहीं कि इस दुनिया में मधेसी हैं भी। जैसे कि मेरे को लगता है मैडागास्कर में मालुम नहीं होगा कि मधेसी भी हैं कहीं। इसका मतलब वो बुरे लोग हैं ऐसी बात नहीं। 

नीतिश काठमाण्डु आए। बातचीत से लगता है मैडागास्कर से आए हैं। बिलकुल अनभिज्ञ हैं। पुछ रहे हैं रावणों से, मधेस आंदोलन के बारे में बताइए। तो प्रचंड ने नीतिश से मिलने के बाद वक्तव्य निकलवाया कि नीतिश ने कहा अब तक नेपाल में जो हुवा आप ही के नेतृत्व में हुवा और आगे भी आप ही के नेतृत्व में होगा। नीतिश ऐसा बोले होंगे मेरे को नहीं लगता। लेकिन प्रचंड ने one party dictatorship का थिंकिंग कभी छोड़ा ही नहीं। देश में कोई प्रधान मंत्री आ जाए उन्हें लगता रहता है देश मेरे ही नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।

प्रचंड ने नीतिश को मधेसी समझ के हेप के बात किया। Patronizing tone में। राडार पर उतना को दिखना चाहिए कि नहीं कि इस आदमी ने मेरे से किस टोन में बात किया? 

समाजवाद में होता है पैसा केंद्र सरकार से माँगो। देगा तो नहीं। तो फिर रैलियां निकालो। प्रेस में जा के हल्ला करो। मोदी के सरदार पटेलवाद में होता है कि FDI से लाओ पैसा। गारंटी आएगा। तो जिस तरह मोदी मुख्य मंत्री थे तो सालाना गुजरात समिट करते थे। बिहार में भी करना चाहिए। पैसा आने का वही एक तरिका है। और वो फॉरेन ऐड से बेहतर होता है। 

पड़ोस में रहते हैं लेकिन नीतिश मधेसी से इतने अनभिज्ञ! 

और इनकी ग्रैंड अलायन्स की गाडी बिहार में अटक गयी। राहुल क्रेडिट ले रहे हैं। कि हम ने बिहार में कर दिखाया। अब असम और उत्तर प्रदेश में भी कर दिखाएंगे। असम तो मेरे को मालुम नहीं लेकिन उत्तर प्रदेश में तो आपका दुकान भी नहीं। 

मधेसको पहचानना ज्यादा जरुरी नहीं। लेकिन नीतिश FDI को ना पहचाने तो या तो अलायन्स टुट जाएगी या तो अगला चुनाव हार जायेंगे बिहारमें।

Sunday, February 14, 2016

Kashmir And Peace

The Disputed Territory : Shown in green is Kas...
The Disputed Territory : Shown in green is Kashmiri region under Pakistani control. The orange-brown region represents Indian-controlled Jammu and Kashmir while the Aksai Chin is under Chinese occupation. (Photo credit: Wikipedia)
I have no desire to tow the Indian government official line on Kashmir. Heck, I don't even know what that is. I have an idea, but I have not done my homework.

But peace is everyone's desire. Palestine is thought of as the number one flashpoint in the world. I think it is Kashmir. Modi and Nawaz should work towards a permanent peace and get a shared Nobel Prize.

Of course Kashmir can be talked about. Everything can be talked about. The two sides just have to come up with the right framework.

There has to be some out of the box thinking. The two foreign ministries are in a rut. They play the same tug of war over and over again.

The larger framework is the deal Nepal, Bhutan, Bangladesh and India signed last year. The four have agreed on an economic union within 10 years. Pakistan should start talks on the same. Pakistan eventually being part of that economic union solves the Kashmir problem, I believe. Because if the people in Pakistan and India can freely work in either country, then the question as to which country Kashmir belongs in becomes less urgent.

I think the eventual right solution is to respect the current Line Of Control and then make it pretty much meaningless through a Pakistan India economic union. There are also two Punjabs, one in Pakistan, another in India. It's the same people who live in Bihar, Uttar Pradesh and the Madhesh in Nepal. You have West Bengal and Bangladesh. Kashmir is not an exception, more a rule.

Demilitarize Kashmir on both sides. That's the eventual goal. But the path to there might be tortuous. In the short term the right strategy perhaps is to stay engaged and keep the expectations low. Two full fledged democracies would have quite easily solved the problem. But in Pakistan the army and the ISI act as parallel power centers to the Prime Minister. That makes it complicated.

नेपालको बाबुराम भट्टराई र भारतका नक्सल हरु (२)
नेपालको बाबुराम भट्टराई र भारतका नक्सल हरु

Sunday, January 24, 2016

Madhesh, So Far Away



Madhesh, So Far Away

Gandhi’s struggle was to achieve equality for Indians
In India, but Indians are everywhere
Indians are next door in Nepal
Still fighting like blacks in the 1960s
Like Indians in the 1940s
The virus of ethnic prejudice and racism and hatred and exclusion
Mutates.

It gives the veneer of the ballot box
But hijacks the polling booth
By force
It talks democracy, but practices fascism
It is primitive.

The Madhesi struggle is one for the ages
It might appear
Madhesis are fighting
For 20th Century rights
In the 21st Century
It might as well be
That the past 500 years have belonged to Europe
The next 500 belong to India
And it all begins in Madhesh.

The fight of Madhesh
Is Delhi’s fight. The fight for Madhesh
Is Delhi’s fight.
Equality is not too much to ask for.
I am an Indian Imperialist
Seeking eqality for Indians wherever they might be.
I think of yoga and Bollywood, of Hindi
I think of both a peaceful spread and practice of democracy
I think of the Buddha, the founder of the world’s first republic
Eternal Guru
I think of Krishna.
I think of a 240 trillion dollar Indian economy by 2050.
I think of solar energy and nanotechnology.
I think in terms of over a billion connected Indians
Because connection is the new organized.

Modi has not traveled the world
So far all his visits have been to India
For there are Indians everywhere.

Shahadat dene walon se puchho
Kahenge, is vatan par sau martabe qurban.
Ek Madhesh Do Pradesh lenge
Sarkari kamkaj ki bhasha hogi Hindi
Rajya mein samanupatik samaveshi lenge
Pratinidhi Sabha mein bhi, Rajya Sabha mein bhi
Jansankhya Samanupatik pratinidhitwa.


No to toothless federalism.
No to a cosmetic state assembly that can be dissolved at whim
No to a unitary judiciary.
No to animal behavior on the streets by the security forces.
No to killings.

Anyay nahin sahenge.
Barabari lenge, barabari denge.
Apna hak lenge.
Modi par hamara bhi hak banata hai.


Wednesday, December 23, 2015

Ramayana: Rewriting History

English: Deities of Sri Sri Sita-Rama, Lakshma...
English: Deities of Sri Sri Sita-Rama, Lakshmana, Hanuman at Bhaktivedanta Manor temple, in Watford, England. (Photo credit: Wikipedia)
Valmiki was a Sanatani. He made Ram look bad. Ram's story is unique. नहीं तो जीजस को देखो अकेले पोल पर लटका हुवा है। ईसाइ धर्म में या यहुदी में है की ईश्वर ने पुरुष बनाया और पुरुष ने अपने हड्डी से औरत। तो वहां तो महिला को बराबरी मिलने से रहा। विश्व के प्रमुख धर्मो में सिर्फ राम सीता की कहानी है जहाँ महिला पुरुष बराबर हैं। बल्कि सीता एक स्तर ऊपर। राम दशरथ का पुत्र सीता धरती की पुत्री। राम ने धनुष नहीं उठाया। सीता ने शिव से अनुनय किया कि मैं चाहती हुँ यही धनुष उठाए। राम सीता पर आधारित धर्म में महिला को बराबरी मिलेगी, मिलनी चाहिए। यानि की रामभक्त को दलित बनाना सिर्फ हरिजन नहीं महिला पर भी वार है। सनातनी महिला को जगह नहीं देते। बिलकुल नहीं।

तुलसीदास रामभक्त था। हरिजन। दलित। रामभक्त ने राम को हीरो के रूप में प्रस्तुत किया। वाल्मिकी के संतति आज के नेपाल के विलन हैं। कुछ ही रोज पहले जानकी मंदिर के भितर बुट पहन के घुस गए। एक हिन्दु वो काम कर ही नहीं सकता।

रामभक्त को दलित बना दिया। तो फिर राम मंदिर किसने तोडा? सोंचने वाली बात है।

राम तो बाद में आए। वानर सेना बाद में आई। सीता ने लंका में अपनी रक्षा खुद की। रावण शायद सनातनी शैतान था। कहा भी गया है, he was the most learned man alive. यानि की उस युगका टॉप सनातनी। शैतान। वेद पुराण का ज्ञाता। That makes the Ramayana a feminist story. कि उससे पहले औरत को प्रॉपर्टी की तरह उठा लिया जाता था।

मंदिर तोडा सनातनी ने दोष दे रहे हैं मुसलमान को। सनातनी के बाद कृष्ण के बाद राम के बाद बुद्ध के बाद जीजस  मुहम्मद। सनातनी को कृष्ण से वैर, राम से वैर, बुद्ध से वैर, जीजस से वैर तो फिर मुसलमान से क्यों नहीं होगा वैर? ये डिवाइड and रूल है। यादव और मुसलमान इतने आसानी से मिल जाते हैं। राम मंदिर का तथ्य सामने आया तो यादव, हरिजन और मुसलमान एक जगह आ जायेंगे। सनातनी ये नहीं चाहता।

रावण भी सनातनी, वाल्मीकि भी। अंग्रेज थोड़े कहते हैं हमने कोलोनाइज़ किया। वो कहते हैं हम ने तुम पर उपकार किया। कलम कौन चला रहा है उससे बहुत फर्क पड़ता है।

Why did Tulsidas make changes while rewriting Valmiki's 'Ramayana' as 'Shri Ramcharitmanas'?
Technically speaking, the Ramcharitamanas, or the Kambaramayanam, are all just regional remakes of the original, Valmiki's Ramayana. These might have minor tweaks here and there, but the crux is the same, the story is the same. ..... this is the reason stories like Ramayana when written in various regional languages by Tulsidas, Kamban, Krittivasan, are adapted so as to appeal to the people from the respective regions .... For instance,

in the Ramcharitamanas, there is no mention of Lava Kusa in the Uttara Kanda. When Rama asks Sita to go to the forest, to put to an end the gossip of his subjects, Tulasidas who views Sita as more than a mother and is unable to put her through the tortures of the forest in his version, so he makes Sita call for her Mother, the Earth right away, and Rama, unable to live away from Sita, leaves his mortal body right there.

........ a major deviation from the Valmiki's Ramayana ...... there is this beautiful romanticizing of the Rama-Sita swayamvara in the Kamba Ramayana, where Kamban famously says "Annan-um nokkinaar, aval-um nokkinaal." (Older brother proceeded, she followed suit! (with legs, eyes, multiple meanings) It's a beautiful one-line love-story of Rama-Sita (Kamban always referred to Rama as an older brother in his version), before the actual swayamvara, wherein it talks about how Sita following her glimpse of Rama, prays to Shiva to get Rama to break the Shivdhanush. Small additions like this to the storyline, makes it more beautiful to read, and this is something that is definitely encouraged in literature.
Difference between original ramayan and the ramayan you know
Full text of "Difference between original ramayan and the ramayana you know"
What is difference between tulsidas and valmiki ramayana?
10 Differences Between Ramayana and Ramcharitmanas
Valmiki Ramayana vs. Tulsidas' Ramayana vs. Serials


Saturday, December 12, 2015

India China: No Border Problem

It is said India and China have a border problem. That is not true. India has no problem. What China has is a Tibet problem. China gulped down Tibet, but it is not done digesting yet. Digesting would be when it could afford to open up the border like it was open for thousands of years before it showed up. In the mean time, let the line of actual control be. Let it slide. It's just rocks. Let trade bloom.

Not even the Dalai Lama wants Tibetan independence. He is happy 400 million Chinese are now Buddhist. He wants a few hundred million more. The Dalai Lama visiting China and Tibet is a great idea. I can't think of a better way of settling the issue of whether Tibet should be a separate country or not.


Wednesday, November 18, 2015

बिहार में हुवा क्या?

नीतिश जिते। वही हुवा। नीतिश को बिहार ने १० साल के लिए मैंडेट दिया है होलसेल में।

नीतीश का मुकाबला खुद अपने आप से है। वो बिहार को २०% ग्रोथ रेट दे सकते हैं या नहीं। मुकाबला वो है। 

२०१९ में मोदी बिहार फिर से स्वीप करेंगे। ४० सीट है बिहार से। २०-२० कर के नीतिश और लालु लड़ते हैं और नीतिश १००% स्कोर करते हैं, तो हुवा २० सीट। २० MP ले के कोइ प्राइम मिनिस्टर बनता है? ये नेपाल है?

वैसे भी बिहार अगर देश होता तो दुनिया का १२ हवा बड़ा देश होता। फ्रांस और जर्मनी का प्रेसिडेन्ट या चांसलर से तो नीतिश आगे हुवे। बिहार के सामने पाकिस्तान क्या है? कुछ नहीं। पाकिस्तान में न तो इकनोमिक ग्रोथ रेट है न कुछ। 

लालु का कभी कभी भाषण सुनो तो लगता है कह रहे हैं, मुसलमान भाइयों, मेरे को वोट दो, सुरक्षित रहो, बीजेपी को वोट दो तो मारे जाओगे। ये कैसी बात हुइ? 

नेपाल में एक पॉलिटिशियन हुवा करता था। नाम था मिर्जा दिल साद वेग। वो मंच पर चढ़ जाता था। कहता था लोगों को: "वोट दो नहीं तो बस्ती जला देंगे!" (बॉलीवुड इन्फ्लुएंस रहा होगा)

लोग सोंचते थे, सड़क पिचिंग नहीं हुई तो कोइ बात नहीं, स्कुलमें मास्टर न आए कोइ बात नहीं, गाओं में बिजली पानी नपहुँचे तो क्या हुवा अभी तक उसके बगैर काम चला लिए तो आगे भी चला लेंगे। लेकिन बस्ती जल गयी तो दिक्कत है। तो मिर्जा ने कभी इलेक्शन हारा ही नहीं। पार्टी बदला एक दो बार फिर भी नहीं हारा। 

एक बार मेरे को मिल गया। मैं अपने एक मन पसंद नेता के ऑफिस में बैठा हुवा था अकेले। कहाँ से न कहाँ से आ पहुँचे मिर्जा। मैंने हाई हेलो कह दिया। वैसे कहाँ मैं सीता नगरी से और वो बुद्ध नगरी से। फिर भी सोंचा हाई हेलो बोल दो पाँच सेकंड में और अपनी बस्ती बचा लो। बचा लिया। 

इसु होना चाहिए कि देश में कानुन है कि नहीं। और जो कानुन है वो अप्लाई हो रहा है कि नहीं? जैसे कि दादरी। हत्या का घटना है। एक तो मर्डर है। जो कि अपराध है। और उपर से hate crime भी है। दोनों गैर कानुनी होना चाहिए। नहीं है तो वैसा कानुन बनाओ। और उसको अप्लाई करना तो पुलिस का काम है। मुख मंत्री या प्रधान मंत्री का नहीं। हालाँकि हाई प्रोफाइल केस है। देश की राजनीति हिल गई। हिलना जरुरी भी है। मुसलमान बीफ नहीं खायेगा तो क्या खायेगा? खरगोश? आप अपना धर्म औरो पर थोपने का काम मत करो, प्रयास ही मत करो। ये मानव अधिकार का मामिला है। Freedom of Religion

अपने धर्म के प्रति गर्व करो। लेकिन और किसी के धर्म के बारे में गलत बोल्ने की क्या जरुरत है?

दूसरा मैंने न्यूज़ में पढ़ा चेहरे पर कालिख पोता गया। तो मैंने मन में कहा मोदी उस पर कमेंट करते हैं तो प्रमाणित होगा वो अपना काम नहीं कर रहे हैं। इतना बड़ा देश चलाना है, और आप चेहरे पर कालिख पोते जाने के घटना पर कमेंट करते हो, आप के पास उतना समय है तो अपने पद से राजीनामा दो और दिन भर बैठ के, हात पर हात रख के क्रिकेट कमेंट्री करो। 

मेरे कहने का मतलब भारत का प्रधान मंत्री अगर अपना काम कर रहा है तो उसके पास उतना समय होना ही नहीं चाहिए की वो प्रत्येक घटना पर कमेंट मारता रहे। चेहरे पर कालिख गलत बात है। लेकिन प्राइम मिनिस्टर को malnutrition के मुद्दे पर समय बिताना चाहिए। 

दल से बड़ा देश मोदीजी। तो दिजिए बिहार को दिल खोल के मदत। 



Saturday, August 15, 2015

Dalit Liberation का उपाय

संविधान मा अहिले सम्म भएका समझौता सहमति कार्यान्वयन हुनै पर्छ। मधेसी जनजाति ३०० वर्ष को विभेद भन्छन। दलित ३००० वर्ष को।  महिला ले चाहिँ १०,००० वर्ष भन्नु पर्ला। एक पटक प्रत्येक दलित लाई खोजी खोजी जग्गा र नागरिकता दिनुपर्ने हुन्छ। आरक्षण ले मात्र पुग्दैन। Reparation पनि चाहियो। अझ क्षमायाचना। देश को नाम मा प्रधान मंत्री अथवा राष्ट्रपति ले क्षमायाचना गरे हुन्छ। समानुपातिक समावेशी बारे सहमति भएका छन। तिन लाई लागु गर्दिन भन्ने कुरा आउँदैन। पाकेटमार ले पुलिस प्रशासन म मान्दिन भन्ने कुरा आउँछ?

तर यति सब गरे पछि दलित समुदाय ले सामूहिक रुपमा अम्बेडकर जुन निष्कर्ष मा पुगे त्यहाँ पुग्नु पर्छ। दलित को हिन्दु धर्म भित्र मुक्ति संभव नै छैन भन्दै उनी बुद्धिस्ट बने। क्रिश्चियन बन, मुसलमान बन, धर्म जेसुकै होस् --- तर ४० लाख दलित समस्त  सामुहिक धर्म परिवर्तन र last name परिवर्तन गर। बाजे हरुको mindset change हुने संभावना छैन। आफैले जिम्मेवारिबोध गर्ने। दलित मुक्ति को जिम्मेवारी बाजे हरु को होइन दलित को हो भन्दै सामुहिक धर्म परिवर्तन र last name परिवर्तन गर्ने अभियान चलाउने। अर्को उपाय छैन। खुद अम्बेडकर ले भनेको। म कुन डयांग को मुला परें?

मुसलमान बन्ने भए सलमान खान, शाहरुख़ खान, अमीर खान जस्ता नाम रोजी रोजी राख्न पाइयो। अझ इरफ़ान खान। युसुफ खान। दलित सलित गोली मार।



पाँचै माओवादी एकै ठाउँ हुँदै
कार्यक्रममा एमाओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड, नेताहरु डा. बाबुराम भट्टराई, नारायणकाजी श्रेष्ठ ‘प्रकाश’, ड्यास माओवादी अध्यक्ष मोहन वैद्य र महासचिव रामबहादुर थापा ‘बादल’, नेकपा (माओवादी) अध्यक्ष मातृका यादव, नेकपा माओवादी महासचिव नेत्रविक्रम चन्द ‘विप्लव’ र क्रान्तिकारी कम्युनिस्ट पार्टी नेपालका महासचिव मणि थापा लगायतका नेताहरुको विशेष उपस्थिति र सहभागिता रहनेछ ।
चार दलका शीर्ष नेताहरु शितल निवासमा
रात्रि खाना सहितको राष्ट्रपतिको निम्तोमा प्रधानमन्त्री सुशील कोइराला, एमाले अध्यक्ष केपी शर्मा ओली, एमाओवादी अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल, संवाद समितिका सभापति बाबुराम भट्टराई र फोरम लोतान्त्रिकका अध्यक्ष विजय गच्छदार शितल निवास पुगेका हुन् ।


राजेश हमाल भन्छन्,‘...उसो भए हामी सबै दलित’
‘मलाई स्टार बनाउने काम मजदुर र गरिब कमजोर वर्गले गरेको हो ।’ ..... ‘त्यहाँ दलितमाथि मात्रै विभेद भएको थिएन, विभेद गर्नेहरु पनि कुसंस्कारबाट पीडित थिए,’ उनले भने ‘संकृण मानसिकताबाट समाज नै सिकार भएको छ ।’ .......

दलित हुनुको कारणका रुपमा प्राय: गरिबी, अशिक्ष र अज्ञानलाई देखाइन्छ । यी तीन पक्षलाई दलित हुनुको कारण मान्ने हो भने सबै नेपाली दलित भएको धारणा उनी राख्छन् ।

‘देश गरिब छ, मागेर पालिनु परेको छ, पहिचान गुमेको छ, पार्सपोर्ट पाउनुमा विभेद छ, शिक्षा, रोजगार सबैमा हाम्रो देश पछि छ,’ राजेशले हाँस्दै भने, ‘उसो भए हामी सबै दलित ।’ ...... राजेशको कुनै फिल्मको दलितको घरमा सुटिङ भइरहेको थियो । मानिसबाट टाढैबाट सुटिङ हेरिरहेका थिए, फोटो खिचिरहेका थिए । घरसम्म कोही आएका थिएनन् । अर्को दृश्य घरभित्रको थियो । राजेशसहित पूरै युनिट घरभित्र छिर्‍यो । त्यसपछि विस्तारै सुटिङ हेर्ने र फोटो खिच्नेहरु पनि घरभित्रै आए । ‘फोटो खिच्ने धुनमा दलितको घर भनि उनीहरुले बिर्सिए,’ राजेशले भने, ‘त्यो स्वार्थ होइन त ?’
दलित दृष्टिमा पुनःनिर्माण “प्रोजेक्ट” : न अधिकार, नत पहुँच नै !

Tuesday, June 23, 2015

मोदी, नीतिश, नेपाल, नेपालके मधेसी और मैं

मोदी को मैं अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर मदत करूँ। नीतिश को मैं भारतमें राष्ट्रिय स्तर पर मदत करूँ। और मोदी और नीतिश मेरे को नेपाल में मधेसी स्वाभिमान के मुद्दे पर मदत करें। That would be a good trade. I don't grow my own food either.

काठमाण्डु के बन्दर -- नेपालको दुनिया का सबसे गरीब देश बनाके रखे हुवे हैं, लेकिन उनको लगता है हम तो भारत और चीन को एक दुसरे के विरुद्ध प्रयोग कर के मजे ले रहे हैं। लिपुलेक ले लो, और भी बहुत कुछ ले लो। लेना पड़े तो सारा देश ले लो

भारत और चीन को एक दुसरे की सख्त जरुरत है। जिस तरह भारत में हिन्दु और मुसलमान दोनों को एक दुसरे के साथ नहीं गरीबी के साथ लड़ना चाहिए, उसी तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन और भारतको गरीबी के साथ लड़ना चाहिए। दोनों के मिलिट्री इस्टैब्लिशमेंट में कुछ extreme लोग हैं, वो थोड़ा बहुत नौटंकी तो करेंगे ही, अपना रोल कम न पड़ जाए, इस बहाने। उनको देशकी नहीं अपनी पड़ी है।

नेपालके मधेसी सिर्फ One person one vote democracy और Federalism माँग रहे हैं ----- लेकिन उनको disenfranchise करने की साजिश हो रही है।

China: A Complex Picture
Rohingya: India's Responsibility
All Of Bihar Is One Big City
India: A 15% Growth Rate Is Possible
Tough, Challenging Roles For Amitabh
The Tamils Of Sri Lanka And Me
100 Smart Cities, 100 World Class Universities
Sushil Modi In Janakpurdham
Hulaki
हिन्दी भाषा को पहाड़ी हरु लाई महत्त्व


Sunday, June 14, 2015

Rohingya: India's Responsibility

श्री लंका में तामिल, बंगलादेश पाकिस्तान में हिन्दु, नेपाल में मधेसी --- इन सब पर state mechanism के जरिए screw tight किया जाता है। ये कह के कि ये भारतीय हैं। और भारत चुप बैठा रहता है।

बर्मा के रोहिंग्या भी उसी केटेगरी के लोग हैं। बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। और भारत चुप बैठा है। चीन के शक्ति संरचना के कुछ लोग श्री लंका, नेपाल, बर्मा सब जगह गोटी चाल रहे हैं। भारत चुप नहीं बैठ सकता। अपनों की हिफाजत करो। जागो।

रोहिंग्या को आना चाहिए भारत में लेकिन जा रहे हैं हिन्द महासागर में। चेहरा देखो, भारतीय होने का नंबर प्लेट लगा हुवा है। भारतीय हो ना हो --- भारत के पास शक्ति है, वो न्याय के काम ना आए तो वो शक्ति होने ना होने से क्या फरक पड़ा?

चाहे जितना व्यापार कर लो --- चीन के साथ मानव अधिकार के मुद्दे पर क्लैश तो होगा ही। It is unavoidable. And victory is the only option. वो शक्ति किस काम की जो न्याय के काम ना आए? Clash होगा, clash करेंगे --- खोज खोज के करेंगे। ढूँढ ढूँढ के करेंगे। Proactively करेंगे।

बर्मा पहले भारत ही तो था -- ब्रिटिश लोगो ने बदमाशी की, अलग कर दिया। फिर से भारत बना देने की धम्की दो।

जिस तरह वियतनाम में रूस और अमरिका का क्लैश हुवा उसी तरह अभी बर्मा में चीन और भारत का क्लैश हो रहा है। भारत तो मैदान में ही नहीं है। There are so many political, non military options on the table. बर्मा चीन का satellite स्टेट रहा है। चीन चाहे तो इस जेनोसाइड को युँ रोक सकता है।